उत्तराखण्ड के प्रमुख मेले एवं त्यौहार
उत्तराखण्ड के प्रमुख मेले एवं त्यौहार(Festivals and Fairs of Uttarakhand)
उत्तराखंड की जन सामान्य भाषा में मेले या त्यौहार को कौथिक (Kauthik) या कौथिग (Kauthig) कहा जाता है. देवभूमि उत्तराखण्ड में मेले, उत्सवों तथा त्योहारों का अपना एक विशेष स्थान है. उत्तराखंड के प्रमुख मेले निम्न है -
- कंडक मेला (Kandak Mela)- यह मेला कंडक देवता की आराधना में प्रतिवर्ष 16 अप्रैल को उत्तरकाशी में मनाया जाता है.
- सेलकू मेला (Selku Mela)– 05 से 10 सितम्बर को प्रतिवर्ष लोक कला उत्थान हेतु इस मेले का आयोजन उत्तरकाशी में किया जाता है.
- माघ मेला (Magh Mela)- उत्तरकाशी में जनवरी माह में आयोजित होने वाले इस मेले में पौराणिक लोक गीत व लोक नृत्य किए जाते हैं.
- खरसाली मेला (Kharsali Mela)– उत्तरकाशी जिले के खरसारी नामक स्थान पर इस मेले का आयोजन प्रतिवर्ष जुलाई माह में किया जाता है.
- सिद्धबली जयंती मेला (Siddhbali Jayanti Mela)– कोटद्वार ( पौड़ी जिले) में स्थित सिद्धपीठ में बजरंगबली मंदिर में यह मेला प्रतिवर्ष जनवरी माह में आयोजित होता है.
- रवाई किसान विकास मेला (Rawai KisanVikas Mela)- इस मेले का आयोजन माधो सिंह भंडारी के याद में उनके जन्मस्थल मलेथा (श्रीनगर) पौड़ी जिले में प्रतिवर्ष जनवरी माह में किया जाता है.
- गेंदा (गिंदी) मेला (Gindi Mela)- यह मेला दो ग्रुप्स के बीच गेंद खेलने पर आधारित मेला है यह प्रतिवर्ष जनवरी माह मकर संक्रांति के अवसर पर थल नदी के किनारे पौड़ी जिले के यमकेश्वर, डाडामंडी में आयोजित किया जाता है.
- कण्वाश्रम मेला (Kanwashram Mela)- यह मेला फ़रवरी माह में कोटद्वार पौड़ी जिले में आयोजित किया जाता है.
- ताडकेश्वर महादेव मेला (Taadkeshwar Mahadevi Mela)- इस मेले का आयोजन शिवरात्री के अवसर पौड़ी जिले में पर किया जाता है.
- वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली स्मृति मेला (Veer Chandra Singh Garhwali Smriti Mela) – इस मेले का आयोजन पेशावर काण्ड के नायक वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली की स्मृति में प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को पौड़ी जिले में किया जाता है.
- बैकुण्ठ चतुर्दशी मेला (Baikunth Chaturdashi Mela) – यह मेला प्रतिवर्ष बैकुण्ठ चतुर्दशी के अवसर पर श्रीनगर गढ़वाल स्थित कमलेश्वर मंदिर में आयोजित किया जाता है.
- कुंजापुरी मेला (Kunjapuri Mela) – कुंजापुरी पर्यटन विकास समिति द्वारा आयोजित यह मेला प्रतिवर्ष 12 -13 अप्रैल को माँ कुंजापुरी मंदिर की आराधना हेतु कुंजापुरी टिहरी में आयोजित किया जाता है.
- सुरकंडा मेला (Surkanda Mela) – मां सुरकंडा देवी की आराधना में यह मेला प्रतिवर्ष 12 -13 अप्रैल को सिद्धपीठ सुरकंडा टिहरी में आयोजित किया जाता है
- नागराजा सेम मुखेम मेला (Naagraja Sem-Mukhem Mela) – यह मेला प्रतिवर्ष नोवेम्बर माह में मनभागी सेम मैदान में इस मेले का आयोजन टिहरी जिले में होता है .
- नाग टिब्बा मेला (Nagtibba Mela)– जौनपुर टिहरी की लोक संकृति व परंपरा के संवर्धन एवं विकास हेतु इस मेले का आयोजन प्रतिवर्ष मई माह में जौनपुर टिहरी में किया जाता है.
- यमुना घाटी विकास मेला (Yamuna Ghati Vikas Mela) - इस मेले का आयोजन यमुना घाटी क्रीडा एवं सांस्कृतिक विकास समिति द्वारा प्रतिवर्ष नवम्बर माह में नैनबाग टिहरी गढ़वाल में किया जाता है.
- गौचर मेला (Gauchar Mela) – यह मेला चमोली जिला प्रशासन द्वारा प्रतिवर्ष 14 नवम्बर को आयोजित किया जाता है यह मेला वर्ष 1943 से मनाया जाता है.
- बंड विकास मेला (Band Vikas Mela)- कृषि संवर्धन व कृषक विकास हेतु इस मेले का आयोजन प्रतिवर्ष 15 से 25 दिसम्बर को पीपलकोटी (जिला चमोली) में किया जाता है.
- झंडा मेला (Jhanda Mela) – गुरुराम राय दरबार साहिब जिला देहरादून में इस मेले का आयोजन प्रतिवर्ष मार्च माह (चैत्र पंचमी ) में किया जाता है. झंडा मेला गुरुराम राय के जन्म दिन व देहरादून में आगमन के अवसर पर आयोजित किया जाता है.
- कुम्भ मेला (Kumbh Mela)-उत्तराखण्ड के हरिद्वार जिले में गंगा नदी के तट पर इस मेले का आयोजन महाकुम्भ के रूप में प्रति 12 वर्ष में आयोजित किया जाता है. वहीँ प्रति 06 वर्ष में अर्द्धकुम्भ मेले का आयोजन किया जाता है .
कुमाऊं मंडल के प्रमुख मेले (Main Fairs celebrated in Kumaon Region)-
- उत्तरायणी मेला (Uttarayani Mela)– प्रतिवर्ष जनवरी माह में उत्तरायणी त्यौहार के अवसर पर सरयू नदी के किनारे इस मेले का आयोजन बागेश्वर जिले में किया जाता है. वर्ष 1921 में कुली बेगार के रजिस्टरों को इसी अवसर पर सरयू नदी में बहाया गया था.
- पूर्णागिरी मेला (Purnagiri Mela)– चम्पावत स्थित पूर्णागिरी शक्तिपीठ में इस मेले का आयोजन किया जाता है. टनकपुर स्थित मां अन्नपूर्णा शिखर पर स्थित इस शक्तिपीठ में प्रतिवर्ष नवरात्री के अवसर पर मेले का आयोजन होता है.
- चैती मेला (Chaiti Mela) – यह मेला प्रमुखतया बुक्सा जनजाति द्वारा मनाया जाता है यह मेला प्रतिवर्ष 10-11 अप्रैल को काशीपुर में आयोजित होता है. चैती मेले के सम्बन्ध में कहाजाता है कि चैती को बाला सुंदरी के नाम से भी जाना जाता है एवं यह कुमाऊं के चंदवंशीय राजाओं की कुलदेवी थी.
- स्यादे बिखोती मेला (Syalde Bikhauti Mela)– बिखौती उत्सव के उपलक्ष में यह मेला प्रतिवर्ष अप्रैल माह में अल्मोडा जिले के द्वाराहाट में आयोजित किया जाता है. इस मेले का विशेषआकर्षण झोडे व भगनोल नामक लोक गीत व लोकनृत्य है.
- जौलजीवी मेला (Jauljivi Mela)- गौरी व काली नदी के संगम स्थल पर आयोजित होने वाला यह मेला पिथौरागड़ जिले में मनाया जाता है. इस मेले की शुरुआत स्वतन्त्रता प्राप्ति से पूर्व वर्ष 1914 से मानी जाती है.
- बग्वाल मेला (Bagwal Mela)- देवीधुरा (चम्पावत) में यह मेला प्रतिवर्ष रक्षाबंधन पर्व पर आयोजित किया जाता है. इसमें चार ख़ामों - चम्याल, वालिक, गहड्वाल व लमगाड़िया, के लोग भाग लेते हैं . इसे बोल चल की भाषा में असाडी कौथिक भी कहा जाता है, इसमें दो पक्षों के लोग एक दुसरे पर पत्थर फेकते हैं वर्तमान में पत्थरों का स्थान पर फूल - फल इत्यादि फेंके जाते हैं.
उपर्युक्त मेलों उत्सवों के अतिरिक्त भी निम्न मेले उत्तराखण्ड सामान्य ज्ञान की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं अतः सुविधा हेतु जिलेवार सूचीबद्ध मेले निम्न हैं-
(List of the main festivals celebrated in Uttrakhand- Exam Perspective)-
क्रमांक
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जिला
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मेला
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स्थान
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उद्देश्य
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1
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अल्मोड़ा
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नंदादेवी मेला
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2
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श्रावणी मेला
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जागेश्वर
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3
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सोमनाथ मेला
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पाली पछाऊ
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4
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शहीद दिवस
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साल्ट क्षेत्र अल्मोडा
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5
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बिनाथेस्वर मेला
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अल्मोड़ा
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6
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गणनाथ का मेला
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7
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चमोली
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तिमुंडीया मेला
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जोशीमठ
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8
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घरेंदा बिखौती
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गैरसैण
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9
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शहीद भवानी दत्त जोशी मेला
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थराली
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10
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महामृत्युंजय मेला
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असेर सिमली
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11
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हरियाली पूडा
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नौटी कर्णप्रयाग
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12
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चम्पावत
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लड़ीधुरा मेला
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पद्मा देवी मंदिर
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13
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मानेश्वर मेला
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मायावती आश्रम
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14
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देहरादून
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टपकेश्वर महादेव
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टपकेश्वर
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15
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नूंणाई मेला
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जौनसार
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16
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शहीद केशरी चन्द्र मेला
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चकराता
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17
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जाखौली मेला
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चकराता
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18
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क्व़ानु मेला
|
चकराता
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19
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भद्रराज देवता मेला
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मसूरी
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20
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हरिद्वार
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पिरान कलियर मेला
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रूडकी
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21
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नैनीताल
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नन्दशतसी मेला
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22
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चित्रशिला मेला
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23
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जिया रानी मेला
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रानीबाग
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24
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पौड़ी
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मुंडनेश्वर मेला
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कल्जीखाल
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महादेव
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25
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कांडा मेला
|
कांडा
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26
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एकेश्वर मेला
|
एकेश्वर
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27
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सतपुली मेला
|
सतपुली
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28
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क्यूँकाखाल
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29
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जाणदा देवी मेला
|
एकेश्वर
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30
|
ज्वाल्पादेवी
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31
|
दनगल मेला
|
सतपुली
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महाशिवरात्रि के अवसर पर
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32
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ताडकेश्वर मेला
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लैंसडॉन
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33
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पिथौरागढ़
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थल मेला
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बालेश्वर थल
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जलियावाला बाग हत्याकांड के याद में 1940 से मनाया जाता है
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34
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नागपंचमी मेला
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धौलानाग
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35
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छलिया महोत्सव
|
पिथौरागढ़
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36
|
गंगावाली महोत्सव
|
पिथौरागढ़
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37
|
कनालीछीना मेला
|
पिथौरागढ़
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38
|
मोस्टामानु मेला
|
पिथौरागढ़
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39
|
रुद्रप्रयाग
|
कालिकाठ
|
कालीमठ
|
|
40
|
पटांगानियाँ पर्यटन विकास मेला
|
रुद्रप्रयाग
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41
|
जाख मेला
|
जाख -गुप्तकाशी
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42
|
टिहरी
|
चन्द्रबदनी मेला
|
अंजनीसैण
|
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43
|
सुरकंडा मेला
|
चंबा
|
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44
|
कुंजापुरी मेला
|
कुंजापुरी- नरेन्द्रनगर
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45
|
मरोज
|
जौनपुर
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46
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वासुदेव मेला
|
बांगर
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47
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शहीद नागेन्द्र सकलानी मेला
|
कीर्तिनगर
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48
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वीर गब्बर सिंह मेला
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चंबा
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वीर गब्बर सिंह प्रथम विश्व युद्ध में
विक्टोरिया क्रॉस विजेता हैं
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49
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रणभूत कौथिक
|
नैलचामी पट्टी
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50
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उत्तरकाशी
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बिस्सू मेला
|
विषुवत संक्राति के अवसर पर
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